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Thursday, December 18, 2014

सवर्ण समस्या




सवर्ण समस्या इस देश की सबसे बडी समस्या है. सवर्ण समस्या सवर्ण मानसिकता से पैदा होती है. सवर्ण मानसिकता एक तरह का सामाजिक-सांस्कृतिक मनोरोग है. इस रोग के कुछ लक्षण है. जैसे कि इस रोग के शिकार मनोरोगी खुद को दुसरी जातियों से उंचा समजते हैं. तथाकथित नीची जातियों की तुलना में वह खुद को ज्यादा होंशियार, चालाक और सदगुणी मानते हैं और मनवाते है. और दूसरी नीची जातियों का उद्धार करने के लिए खुद का जन्म हुआ है ऐसा भी समजते हैं. 

सवर्ण समस्या बहुत पुरानी है. प्राचीन काल में भगवदगीता  ग्रंथ में जब इश्वर के मुंह से ऐसा कहलवाया गया कि चार वर्ण मैंने रचे हैं, तबसे सवर्ण मानसिकता का जन्म हुआ है ऐसा कह सकते है. सवर्ण मानसिकता से पिडित लोग दूसरो को समस्यारूप मानते है. “इस देश में मुस्लिम समस्या, ख्रिस्ती समस्या, आदिवासी समस्या, दलित समस्या है,” ऐसे तर्क करते हुए सवर्ण विद्वान अच्छी किताबें लिखते रहते हैं.